Thursday 19 September 2013

मनमोहन को देखकर लगता है ये देश के चुने हुये प्रधानमंत्री नही बल्कि 'च' मेँ 'उ' की मात्र 'द' मेँ 'ए' की मात्रा हुये प्रधानमंत्री है...

सुना था गूँगा शख्स बहरा भी होता है..
लेकिन ये तो अंधा भी निकला..
15 दिन दंगा हुआ मीडिया ने भी इस दंगे को भयानक बताया मगर ये जब मुजफ्फरनगर पहुँचा तो बोला इतना भयानक दंगा बताया तक नही..
केँद्र ने सेना क्या अखिलेश की दूसरी शादी मेँ काम करने के लिए भेजी थी जो पता नही चला...
गाँधी जी ने 3 बंदर ढूँढे थे मगर तीन बंदरो की खूबी सोनिया गाँधी ने इसके अंदर भर दी...

ना इसे सुनाई देता है ना दिखाई देता है और गूंगा तो है ही...

अंधमोहन 
बहिरमोहन
गूँग मोहन...
मनमोहन को देखकर लगता है ये देश के चुने हुये प्रधानमंत्री नही बल्कि 'च' मेँ 'उ' की मात्र 'द' मेँ 'ए' की मात्रा हुये प्रधानमंत्री है...
मान गये केँद्र और राज्य सरकार को जिन्होने दंगा शुरू किया उन्ही को सात्वना दी..
ये हिन्दुओ के एक मोहल्ले गये थे पर मुस्लिम के हर एक मोहल्ले मदरसे गये..
सेक्युलर हिन्दूओ अभी भी थोडी शर्म और मर्दानगी बची है तो सुधर जाओ..|


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